tag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post325998169662907471..comments2024-03-19T14:59:12.169+05:30Comments on बोल सखी रे: मरे हुए लोगअपर्णा वाजपेयीhttp://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-77627641947945758672018-02-04T07:20:21.321+05:302018-02-04T07:20:21.321+05:30अकर्मण्य लोग हमेशा नीरस और उत्साह हीन जीवन जीते है...अकर्मण्य लोग हमेशा नीरस और उत्साह हीन जीवन जीते हैं ऐसे आलसी लोग मरे समान ही हैं...हर उद्यम के समय बारबार मरते हैं....<br />बहुत सुन्दर सार्थक...<br />वाह!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-31860010947659797252018-02-03T14:43:53.534+05:302018-02-03T14:43:53.534+05:30आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में&q...<i><b> आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 04 फरवरी 2018 को साझा की गई है.........<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow"> http://halchalwith5links.blogspot.in/ </a>पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-55549593705292493342017-12-30T18:25:38.419+05:302017-12-30T18:25:38.419+05:30रचना तो है हे मर्मस्पर्शी और आदरणीय रविन्द्र जी औ...रचना तो है हे मर्मस्पर्शी और आदरणीय रविन्द्र जी और अजय रे की टिपण्णी रचना को विस्तार दे रही है | शाबाश अपर्णा -- ज्वलंत विषय कि सार्थक रचना के लिए !!!!!!रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-63752625107844822332017-12-22T11:11:02.948+05:302017-12-22T11:11:02.948+05:30वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था मरे हुए लोग की बेबसी पर;...वक़्त-ए-रुखसत भी रो रहा था मरे हुए लोग की बेबसी पर;<br />उनके आंसू तो वहीं रह गये, वो बाहर ही आना भूल गये...Ajay Raihttps://www.blogger.com/profile/18136231531712000132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-37276874300982304692017-12-18T17:25:57.193+05:302017-12-18T17:25:57.193+05:30ज़िन्दगी एक मक़सद होना ज़रूरी है ... संवेदनाएँ ज़र...ज़िन्दगी एक मक़सद होना ज़रूरी है ... संवेदनाएँ ज़रूरी हैं ज़िन्दा साबित करने के लिए ...<br />बहुत प्रभावी रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-14402112163956161382017-12-17T22:52:57.511+05:302017-12-17T22:52:57.511+05:30आपकी शुभकामनाओं के लिये सादर आभार रवीन्द्र जीआपकी शुभकामनाओं के लिये सादर आभार रवीन्द्र जीअपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-42774758110906457112017-12-17T21:01:29.323+05:302017-12-17T21:01:29.323+05:30गंभीर अर्थों से ओतप्रोत सार्थक रचना. एक जीवन मिला ...गंभीर अर्थों से ओतप्रोत सार्थक रचना. एक जीवन मिला है व्यक्ति उसको चरमोत्कर्ष पर ले जाने के यत्न सभी नहीं कर पाते. कहा गया है व्यक्ति परिस्थितियों का दास / दासी है. लेकिन आपकी रचना शायद ऐसे कटाक्ष से किसी का ज़मीर जगाने में सफल हो जाय. <br />लिखते रहिये. बधाई एवं शुभकामनायें. Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-42898197794335413902017-12-14T11:52:03.139+05:302017-12-14T11:52:03.139+05:30सुंदर सुंदर गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-34716414524206244312017-12-14T11:15:37.194+05:302017-12-14T11:15:37.194+05:30वाह क्या बात है वाह क्या बात है NITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-25207573827569698752017-12-14T10:12:38.582+05:302017-12-14T10:12:38.582+05:30आदरणीय दिलबाग जी, मेरी रचना को चर्चा मंच के पटल पर...आदरणीय दिलबाग जी, मेरी रचना को चर्चा मंच के पटल पर स्थान देने के लिये आभार.अपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-47216493187512749892017-12-13T21:40:36.220+05:302017-12-13T21:40:36.220+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.~Sudha Singh vyaghr~https://www.blogger.com/profile/13043026454798527340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-73179044331633177112017-12-13T21:38:14.285+05:302017-12-13T21:38:14.285+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.~Sudha Singh vyaghr~https://www.blogger.com/profile/13043026454798527340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-23512714634732231732017-12-13T21:37:09.443+05:302017-12-13T21:37:09.443+05:30सही कहा अपर्णा जी, होते हैं कुछ ऐसे लोग भी जो अप...सही कहा अपर्णा जी, होते हैं कुछ ऐसे लोग भी जो अपने जीवन का मकसद नहीं जानते. निष्क्रिय उदासीन रहकर पूरा जीवन गुजार देते हैं. सुंदर रचना<br />https://sudhaa1075.blogspot.in/2017/12/blog-post_12.html?m=1~Sudha Singh vyaghr~https://www.blogger.com/profile/13043026454798527340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-83808862952263515802017-12-13T19:55:12.013+05:302017-12-13T19:55:12.013+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14 - 12 - 2017 को चर्चा ...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14 - 12 - 2017 को चर्चा मंच पर <a href="https://charchamanch.blogspot.com/2017/12/2817.html" rel="nofollow"> चर्चा - 2817 </a> में दिया जाएगा <br />धन्यवाद दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.com