tag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post172541386447830219..comments2024-03-19T14:59:12.169+05:30Comments on बोल सखी रे: टुकड़ा टुकड़ा भूखअपर्णा वाजपेयीhttp://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-91581488123661654772017-08-22T20:54:21.366+05:302017-08-22T20:54:21.366+05:30भूख इंसान से कुछ भी करवा सकती है। लेकिन एक पति जो ...भूख इंसान से कुछ भी करवा सकती है। लेकिन एक पति जो अपनी पत्नी को किसी के पास भेजने को तैयार है उसे भी जब पता चलता है कि उसकी पत्नी...तो वो ये सहन नही कर सकता। बहुत सुंदर।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-5199351406324255262017-07-28T10:22:48.193+05:302017-07-28T10:22:48.193+05:30सुझाव देने के लिये शुक्रिया.किसी भी रचना पर जब आलो...सुझाव देने के लिये शुक्रिया.किसी भी रचना पर जब आलोचनत्मक प्रतिक्रिया नहीं मिलतीसमझ में नहीं आता कि कंहा पर सुधार की गुंजाइश है.मेरा अनुरोध स्वीकार करने के लिये धन्यवाद.अपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-48413549256541348142017-07-28T06:25:59.852+05:302017-07-28T06:25:59.852+05:30मजबूरी
सारा कुछ करवा देती है
इसी कहानी को दो बार प...मजबूरी<br />सारा कुछ करवा देती है<br />इसी कहानी को दो बार पढ़कर<br />फिर से लिखिए..<br />शायद कुछ नया पढ़ने को मिले<br />सादरyashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-86192915185220131302017-07-28T00:47:39.226+05:302017-07-28T00:47:39.226+05:30ऋतु जी , उत्साह वर्धन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद.आश...ऋतु जी , उत्साह वर्धन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद.आशा करती हूं आप आगे भी मार्गदर्शक प्रतिक्रियायें देती रहेंगी.अपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-48054688594529630402017-07-27T16:33:05.865+05:302017-07-27T16:33:05.865+05:30अपर्णा जी आपकी रचना दिल मे गहरी छाप छोड़ने में सफल ...अपर्णा जी आपकी रचना दिल मे गहरी छाप छोड़ने में सफल रही ,दर्द भरी सत्यता को छूती रचना ।Ritu asooja rishikesh https://www.blogger.com/profile/07490709994284837334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-2748526701628568982017-07-06T18:33:56.510+05:302017-07-06T18:33:56.510+05:30विसंगतियों से दो दो हाथ करते गरीब के मर्मान्तक मनो...विसंगतियों से दो दो हाथ करते गरीब के मर्मान्तक मनोविज्ञान का कारुणिक चित्रण!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.com