tag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post5372033221258131151..comments2024-03-19T14:59:12.169+05:30Comments on बोल सखी रे: मुझे लिखा जाना बाकी है अभी!अपर्णा वाजपेयीhttp://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-72212335758712595772018-03-04T20:27:34.425+05:302018-03-04T20:27:34.425+05:30बहुत खूबसूरत।
सादगी भी है, प्रेम भी है।
कुछ समय के...बहुत खूबसूरत।<br />सादगी भी है, प्रेम भी है।<br />कुछ समय के साथ बीत गया<br />कुछ पूर्णता पाने को मन रीत गया।<br />यही तो है प्रेम कितने भी कागज़ भर डालो अधूरा ही रह जाये। Abhihttp://lifeisash.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-14866119141139694072018-03-04T16:34:04.611+05:302018-03-04T16:34:04.611+05:30प्रिय अपर्णा, ना जाने क्यों आपके ब्लॉग पर टिप्पणी ...प्रिय अपर्णा, ना जाने क्यों आपके ब्लॉग पर टिप्पणी हो नहीं पा रही। पुनः प्रयत्न किया अब। आपकी यह रचना बार बार पढ़ी मैंने ! आपकी कल्पनाशीलता और मौलिक सोच का परिचय देती यह रचना मन को छू गई ! लिखते रहें। बहुत सारे स्नेहसहित -Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-32965784510392609072018-03-04T15:47:28.099+05:302018-03-04T15:47:28.099+05:30आदरणीय सुधा जी, आप हमेशा मेरा उत्साह वर्धन करती है...आदरणीय सुधा जी, आप हमेशा मेरा उत्साह वर्धन करती हैं। आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए बहुत मायने रखती है। सादर आभार अपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-88418486473049105032018-03-04T15:45:23.986+05:302018-03-04T15:45:23.986+05:30आदरणीय पल्लवी जी, ब्लॉग पर आपका स्वागत है।इतनी सुन...आदरणीय पल्लवी जी, ब्लॉग पर आपका स्वागत है।इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया देने के लिए बहुत बहुत आभार ।<br />सादरअपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-16689257784949261882018-03-04T08:06:54.195+05:302018-03-04T08:06:54.195+05:30जानता हूँ जब भी लिखेगी मुझको वो
शर्म से खुद में ही...जानता हूँ जब भी लिखेगी मुझको वो<br />शर्म से खुद में ही बार-बार सिमट जायेगी <br />हर एक हर्फ़ के बाद खुद से पूछेगी <br />कोरे कागज़ को एहसास बताना गुस्ताख़ी तो नहीं? <br />बहुत ही सुन्दर.... लाजवाब...<br />मनोभावों को बड़ी खूबसूरती से सजाया और पिरोया है आपने....<br />वाह!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-48033704741296291012018-03-04T07:11:57.273+05:302018-03-04T07:11:57.273+05:30न मुझमे जान है,न साँसे हैं कि कह सकूं उससे
मुझ पर...न मुझमे जान है,न साँसे हैं कि कह सकूं उससे <br />मुझ पर एतबार करे और दिले ग़ुबार लिखे,<br />रखूंगा राज़ हर शै से बचाकर तब तक<br />उसकी स्याही के रंग नहीं बुझते मुझमें<br />बहुत सुन्दर कल्पना । नायिका की हिचकिचाहट और बेजान पत्र के आश्वासन के बीच बिछा बेहतरीन शब्द संकलन ।रचना मर्म को स्पर्श कर गई ।शुभकामनाएँ ।<br />पल्लवी गोयल https://www.blogger.com/profile/03623783654571298097noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-40963563281832216792018-03-03T15:33:20.798+05:302018-03-03T15:33:20.798+05:30ख़त की लिखी इबारतें जब उतरेंगी तो इतिहास बना देंगी...ख़त की लिखी इबारतें जब उतरेंगी तो इतिहास बना देंगी ...<br />गहरा चिंतन ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-31551451881203968772018-03-03T13:25:37.003+05:302018-03-03T13:25:37.003+05:30आदरणीय भाई साहब , सादर आभार आदरणीय भाई साहब , सादर आभार अपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-18195830950538082472018-03-03T10:57:49.630+05:302018-03-03T10:57:49.630+05:30आपकी लिखी रचना आज के "पांच लिंकों का आनन्द मे...<i><b> आपकी लिखी रचना आज के "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 04 मार्च 2018 को साझा की गई है.........<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow"> http://halchalwith5links.blogspot.in/ </a>पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-68805332714743614372018-03-02T20:50:28.003+05:302018-03-02T20:50:28.003+05:30बहुत उम्दा अभिव्यक्ति
बेहतरीनबहुत उम्दा अभिव्यक्ति<br />बेहतरीनLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-38908708831451770302018-03-02T19:48:03.065+05:302018-03-02T19:48:03.065+05:30बार बार आपकी प्रतिक्रिया पढ़ रही हूँ, क्या सचमुच अच...बार बार आपकी प्रतिक्रिया पढ़ रही हूँ, क्या सचमुच अच्छा लिखा है.....<br />बहुत बहुत आभारअपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-76287202104250244102018-03-02T17:56:03.496+05:302018-03-02T17:56:03.496+05:30बेहद शानदार रचना
बहुत अच्छा लिखा आप ने
बधाई इस ख...बेहद शानदार रचना <br />बहुत अच्छा लिखा आप ने <br />बधाई इस खूबसूरत रचना के लिये NITU THAKURhttps://www.blogger.com/profile/03875135533246998827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-43898583034160124762018-03-02T09:34:25.776+05:302018-03-02T09:34:25.776+05:30अभिव्यक्ति में गूढ़ता और रहस्य का समावेश उसे बार-ब...अभिव्यक्ति में गूढ़ता और रहस्य का समावेश उसे बार-बार पढ़ने के लिए प्रेरित करता है।<br />एक शानदार नज़्म जो पढ़ते-पढ़ते भावों की गहराइयों में हमें डुबो देती है। <br />जीवन के प्रति नज़रिया दर्द और बेचैनी के साथ उभरा है।<br />होली की शुभकामनाएं।Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-56154910433803881312018-03-02T08:40:11.078+05:302018-03-02T08:40:11.078+05:30आदरणीय बड़े भैया , बहुत बहुत आभार । आपकी प्रतिक्रिय...आदरणीय बड़े भैया , बहुत बहुत आभार । आपकी प्रतिक्रियाएं इसी प्रकार मिलती रहें। इसी उम्मीद के साथ होलोकोत्सव की शुभ कामनाएं।<br />सादर अपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-33160642828785891372018-03-02T08:36:21.028+05:302018-03-02T08:36:21.028+05:30बहुत बहुत आभार आदरणीय श्वेता जी,
रंगपर्व की हार्द...बहुत बहुत आभार आदरणीय श्वेता जी, <br />रंगपर्व की हार्दिक शुभ कामनाएं<br />सादरअपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-44279068456857941212018-03-02T06:58:21.590+05:302018-03-02T06:58:21.590+05:30न मुझमे जान है,न साँसे हैं कि कह सकूं उससे
मुझ पर...न मुझमे जान है,न साँसे हैं कि कह सकूं उससे <br />मुझ पर एतबार करे और दिले ग़ुबार लिखे,<br />रखूंगा राज़ हर शै से बचाकर तब तक<br />उसकी स्याही के रंग नहीं बुझते मुझमें<br />मै एक खत हूँ इंसां नहीं के मुकरूंगा<br />बस एक बार वो मुझ पर ज़रा ऐतबार करे।।<br /><br />बेहतरीन कल्पना, बेहतरीन कलम संयोजन व शब्द चयन। मंत्रमुग्ध कर दिया आपने।पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1468267779286801048.post-31389128913121941872018-03-02T05:52:32.686+05:302018-03-02T05:52:32.686+05:30वाह्ह...शब्दों और भाव़ो के बेजोड़.तालमेल.से सजी बहु...वाह्ह...शब्दों और भाव़ो के बेजोड़.तालमेल.से सजी बहुत सुंदर रचना अपर्णा जी...👌👌👌Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com