उनको अब तुम जाने न दो

बरसो मेघा , जम  के बरसो
वो आये हैं ! उन को अब तुम जाने न दो ,
मुझको  जितनी रहीं दिक्कतें ;
उनको पूरा सुन लेने दो।
उनने जितने पतझड़ झेले
उनको पूरा कह लेने दो ,
वर्षा बनकर समय दिला दो
 बातें बनकर गले मिला दो ,
साथी बनकर रहे है तन्हा ,
इस जीवन में हमें मिला दो
बरसो मेघा जम के बरसो
उनको अब तुम जाने न दो.


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

तुम बस थोड़ा जोर से हंसना

आहिस्ता -आहिस्ता

हम सफेदपोश!