हाँथ हिलाते हैं बच्चे

बच्चे नहीं चाहते ;
कि ट्रेन के किसी डिब्बे में लग जाये आग
धू धू कर जलने लगे जिन्दा शरीर,
बच्चे नहीं चाहते ;
कि टूट जाये कोई जर्जर पुल
और रेलगाड़ी के डिब्बे लेलें जल समाधि,

बच्चे नहीं चाहते ;
कि न पंहुच पाओ तुम अपने घर 
लेकर सबके लिए उनके हिस्से की खुशियाँ ,

बच्चे नहीं चाहते कि हो कंही पर कुछ अनिष्ट:

इसीलिये रेलगाड़ी के गुजरने पर 
बच्चे हिलाते हैं हाँथ 
खिलखिलाते हैं और देते हैं शुभकामना 
तुम्हारी सही -सलामत घर वापसी के लिए .

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मृत्यु के बाद एक पल

आहिस्ता -आहिस्ता

प्रेम के सफर पर