खतरनाक

 हजारों वारदातों के बीच घूमना अकेले

कुछ कम जोख़िम भरा नहीं,

घर में चार मर्दों के बीच रहना भी जोख़िम ही है,

तालाबों पर नहाना

जंगल में काम करना

 लकड़ी का बोझ ले बाज़ार में बैठना

क्या कम खतरनाक है,

और आप ही बताइए जनाब!

औरत के तन में एक स्वतंत्र मन होना

खतरनाक नहीं है क्या??,




#स्त्री

#aparnabajpai



टिप्पणियाँ

  1. सादर नमस्कार ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (17-11-20) को "बदलो जीवन-ढंग"'(चर्चा अंक- 3888) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    कामिनी सिन्हा

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर मंगलवार 17 नवंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. रचना लिंक करने के लिए सादर आभार रवीन्द्र जी

      हटाएं
  3. कम शब्दों में कई खतरे उजागर हो गये, सुन्दर अभिव्यक्ति !!

    जवाब देंहटाएं
  4. स्वतंत्र मन! औरत का तन होना ही खतरनाक है।

    जवाब देंहटाएं
  5. निशब्द ...बहुत गहरी अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं

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