हाँथी का घाव

 एक कहानी बच्चों और जानवरों की दोस्ती पर 
खुद सुनें और अपने बच्चों को सुनाएं..
दोस्ती बेज़ुबान जानवरों से कितनी जरूरी है!!
क्या हम ख़ुद की तरह उनका दर्द भी महसूस कर सकते हैं? अगर बचाये रखनी है मानवता इस धरती पर तो हमें अपने बच्चों में अभी से संवेदना के बीज रोपने होंगे..



टिप्पणियाँ

  1. नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (02-08-2021 ) को भारत की बेटी पी.वी.सिंधु ने बैडमिंटन (महिला वर्ग ) में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा। (चर्चा अंक 4144) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

    चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

    यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

    #रवीन्द्र_सिंह_यादव

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    1. आदरणीय रवींद्र जी, हमारे इस प्रयास को मसनच पर स्थान देने के लिए सादर आभार

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  2. संवेदनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति है इस कहानी में ।
    सुंदर बाल कहानी।

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    उत्तर
    1. इस कहानी को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए सादर आभार दी

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  3. प्रिय अपर्णा कल सुनी थे ये बाल कथा | अच्छा लगा कि तुम बच्चों की रूचि को ध्यान मेंरखकर इतनी सुंदर कहानियाँ लिखती हो और मधुर वाचन से बच्चों तक सरलता से पहुँचाने का प्रयास भी करती हो | मोना के माध्यम से एक संवेदशील प्रेरक पात्र का सृजन हुआ है | बच्चे सुनेंगे तो जरुर मोना जैसे पशु प्रेमी बनना चाहेंगी | महावत का ह्रदय बदले वाली ये बालिका जरुर बच्चों के मन को छुएगी |

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  4. प्रिय रेनू दी,
    आपकी टिप्पणी दिन बना देती है। बच्चों के कोमल मन में हम जैसे बीज रोपते हैं, बड़े होकर उनके हृदय से वैसी ही भावनाएँ प्रस्फुटित होती हैं। इंद्रधनुषी दुनिया के माध्यम से बच्चों के बीच कुछ मूल्यवान करने की कोशिश कर रहे हैं हम। आप सब अग्रजों का सहयोग और आशीर्वाद ही इस संघर्ष में हमारा संबल है।
    सादर

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