बिन पानी की बूंद

 

Image credit pexel 

बिखरती हुई औरतें समेटी नहीं जाती 

फिसल जाती हैं रेत की मानिंद 

दिखाई नहीं पड़ती तुमसे दूर होती हुई 

दर्द में लिपटी हुई औरतें खुशी का नकाब लगा मिलती हैं, 

तुम्हें दिखता है अधूरा सच,

बारिश की बूँदों में तुम सिर्फ़ पानी देखते हो, 

उन बूँदों का क्या जिनमें पानी नहीँ होता!




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