चंद्रहार या चांद बालियां
आसमान से झाँक रहे हो
तुम क्या जानो मामाजी
दुनिया कितनी बदल गई है
नई हवा से लो कुछ सीख ।
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बहुत सुन्दर वर्णन, आधुनिक सत्य 🙏🏼
जवाब देंहटाएंबहुत शुक्रिया 😀 सादर आभार
हटाएंBahut achchhi kavita
जवाब देंहटाएंरचना को मंच पर साझा करने के लिए आभार. सादर
जवाब देंहटाएंव्वाहहहहहह
जवाब देंहटाएंसादर
शुक्रिया दी,सादर
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद Sir
हटाएंबहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंशुक्रिया दी,sadar
हटाएंबहुत खूब प्यार भी उलहाना भी उपाय भी।
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन।