JORAM फिल्म समीक्षा हिंदी

 JORAM' फ़िल्म मुझे कैसी लगी 

मनोज बाजपेई की फिल्म ' जोराम ' जिसे कई पुरस्कारों से नवाजा गया है के बारे में बात करते हैं। मुझे यह फिल्म कैसी लगी।  यह फिल्म एक ऐसे पिता की है जो व्यवस्था से भाग रहा है अपनी बच्ची को लेकर. एक पिता का दर्द, एक मजदूर की त्रासदी, शोषण से लड़ रहे एक ऐसे व्यक्ति की कहानी जो गरीब है, जो व्यवस्था से मजबूर है, जो लाचार है, और जो चाहता है कि उसके जल, जंगल, जमीन बचे रहे। जो चाहता है की पुरानी सभ्यता बची रहे। लोगों में इंसानियत बची रहे। यह फिल्म ऐसे सत्ता के ठेकेदारों और उनका सामना करने वाले लोगों की सच्ची दास्तां है।  झारखंड के आदिवासियों पर  आधारित यह कहानी एक ऐसे मजदूर की कहानी है जो मुंबई के  कंक्रीट के जंगलों में कमाने के लिए जाता है और व्यवस्था का शिकार हो जाता है ।

यह फिल्म OTT पर भी रिलीज हो चुकी है, अगर आप ज़रा भी

सामाजिक सरकारों के प्रति जागरूक हैं तो इस फिल्म को जरूर देखें या फिल्म पूरे परिवार के साथ बैठकर देखी जा सकती है बेहतरीन अभिनय तथा चुस्त निर्देशन के लिए आप इसे याद रखेंगे।

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टिप्पणियाँ

  1. बहुत प्रशंसा सुनी है इस फ़िल्म की। आपकी समीक्षा से और ज्ञानवर्धन हुआ। आभार आपका।

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