सुनील शेट्टी: पारिवारिक मूल्यों की मिसाल

लल्लनटॉप के इस हफ़्ते में गेस्ट इन द न्यूजरूम में हुई सुनील शेट्टी से बातचीत उनके व्यक्तित्व के नए पहलुओं को दर्शाती है। इस प्रकार के कार्यक्रम आम जनता को अपने चहीते सितारों को गहराई से समझने का मौका देते हैं। लल्लनटॉप की टीम इसके लिए बधाई की पात्र है।

सुनील शेट्टी का व्यक्तित्व काजल की कोठरी में रहने वाले उस सयाने सा है जो खुद पर कालिख की एक लीक तक नहीं लगने देता। अनुशासन और पारिवारिक मूल्यों से प्रतिबद्ध व्यक्ति का जीता जगता उदाहरण हैं सुनील शेट्टी

शारीरिक शौष्ठव की प्रतिमूर्ति और जमीन से जुड़ कर रहने वाले मूल्य व्यक्ति को अनायास ही उस श्रेणी में पहुंचा देते हैं जिसमें खड़े होने का हर व्यक्ति सपना देखता है। जमीन पर खड़े रहकर आसमान छूने की कुव्वत क्या होती है यह सुनील शेट्टी को सुनकर समझ आती है।

दामाद के रूप क्रिकेटर के. एक. राहुल को पाकर जिस प्रकार वे खुश होते हैं उसे देखकर लगता है जैसे उन्होंने एक बेटा और पा लिया हो। क्रिकेट की दीवानगी ने उन्हें क्रिकेटर दामाद दिला दिया इसे संजोग नहीं मानेंगे तो क्या कहेंगे? 
जो नाना अपनी नातिन के साथ समय बिताने के लिए अपनी एक्सरसाइज बदल ले, जिम के समय में परिवर्तन कर ले उससे ज्यादा पारिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति क्या प्रतिबद्धता होगी।
 
जब जो जरूरी हो तब उसको 100प्रतिशत देना इसे ही कहते हैं, चाहे वह पिता का बिजनेस हो, फिल्में हों, दोस्त हों या परिवार। सच में अन्ना कहे जाने के सबसे उपयुक्त व्यक्ति कोई है तो वे हैं अन्ना सुनील शेट्टी।








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