जज़्बा को जुलाई 01, 2017 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ akinchanam2 जुलाई 2017 को 8:33 am बजेन रहे हार में हार जहां ,जीत जीत से मुह मोड़ेउस पथ पर दौड़े रथ मेरा जो मंज़िल मन्ज़िल न खेले।गोवँशी श्रीधरजवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंakinchanam2 जुलाई 2017 को 8:33 am बजेन रहे हार में हार जहां ,जीत जीत से मुह मोड़ेउस पथ पर दौड़े रथ मेरा जो मंज़िल मन्ज़िल न खेले।गोवँशी श्रीधरजवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
न रहे हार में हार जहां ,जीत जीत से मुह मोड़े
जवाब देंहटाएंउस पथ पर दौड़े रथ मेरा जो मंज़िल मन्ज़िल न खेले।
गोवँशी श्रीधर
न रहे हार में हार जहां ,जीत जीत से मुह मोड़े
जवाब देंहटाएंउस पथ पर दौड़े रथ मेरा जो मंज़िल मन्ज़िल न खेले।
गोवँशी श्रीधर