कीमती है!
अन्न धन है
अन्न मन है
अन्न से जीवन सुगम है
अन्न थाली
अन्न बाली
अन्न बिन धरती है खाली
अन्न धर्म है
अन्न मर्म है
अन्न ही सबका कर्म है
अन्न संस्कार है
अन्न बाज़ार है
अन्न ही सबका त्यौहार है
एक-एक दाने की कीमत
खुदकुशी और मौत है
भूख और बाज़ार
धर्म और संस्कार में
झोपड़ी और गोदाम में
अन्न खुशी का आधार है।
(Picture credit to Malay Ranjan Pradhan's FB wall)
(Picture credit to Malay Ranjan Pradhan's FB wall)
Bahut sarthak lekhan.....sunder
जवाब देंहटाएंअन्न का हर दाना बेस कीमती होता है शब्द शब्द सच का उदघोष करती बहुत सुंदर कविता।
हटाएंअन्न ही धर्म अन्न ही मर्म सही कहा पेट खाली हो तो सभी मरम और धर्म पडे रह जाता है।सार्थक संदेश देती पोस्ट
शुभ संध्या।
आभार दी, आप हमेशा मेरा उत्साह बढ़ाती है.
हटाएंसादर