तुम बस थोड़ा जोर से हंसना
तुम बस थोड़ा जोर से हंसना
इतनी जोर से कि दिमाग में यह ख्याल रत्ती भर भी ना आए कि हंसने से आंखों के नीचे उभर आती हैं झुर्रियां ,
कि गालों पर उम्र की रेखाएं थोड़ी ज्यादा पैनी नज़र आती हैं ,
कि हंसने पर तुम्हारे दांत थोड़े पीले दिखते हैं ,
बस हंसना और महसूसना उस खुशी को जो हंसने में तुम्हें महसूस होती है ,
अपने चेहरे की बनावट, उम्र का असर और अनुभव की सुर्ख़ियों को कुछ देर के लिए भूल जाना ,
हंसना कि हंसने से रोशन होती है सारी फिज़ा ,
मिट जाता है गुबार,
आसमान का रंग थोड़ा और नीला हो जाता है
और धरती!
थोड़ी और हरी।।
©अपर्णा बाजपेई
सुन्दर
जवाब देंहटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंक्या बात...👌👌
लाजवाब।
सुन्दर
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