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रात की सुबह

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  उदासी के बाद मुस्कान की चमक, जैसे मेघों ने किया हवाओं का आलिंगन, उम्र ने कुछ राग छेड़ा, साहिल को ढूंढ कर पंहुचा घर नाविक, पहाड़ ने जमीं को प्यार किया जैसे रात ने सुबह में खोज लिया अंत।