संदेश

जुलाई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्रूर काल

चित्र
मै इस बार उन देवों से बहुत दूर रही जो मंदिरों में विराजते है, जो मठों में साधना में लीन हैं, जो चर्चों और मस्जिदों में ठहरे हैं  और जो कुलों की रखवाली के लिए  हर देहरी पर विराजमान हैं, मैंने इस बार ईश्वर को तड़पते देखा, सड़कों, पुलों और अंधेरी कोठरियों की पनाह लिए, भूखे बच्चों और गर्भवतीस्त्रियों के कोटरों में, ईश्वर मरता रहा ; करता रहा विलाप.... सभ्य समाज की क्रूरता ने  मार दिया ईश्वर का ईश्वरतव, सर्व शक्तिमान सत्ता ने अपने सबसे बुरे दिन देखे... वे बंदीगृह के सबसे महान दिन थे... ©️Aparna Bajpai Picture credit Google

छल

चित्र
मै इस बार थोड़ा और छली गई खुद से खुद ने छोड़ा हाथ, उम्मीद ने छोड़ा दामन रौशनी ने तोड़ा आंखों का भरोसा, वर्षों ने गलत गिनती बताई, प्रेम ने रोटी के बीच रख दिए कुछ सिक्के, आवाज़ ने भाषा का पुल तोड़ दिया, मै गुलाब में रजनीगंधा खोजती रही, पाषाण ने पानी को कर लिया कैद अपने गर्भ में, पेड़ों के बच्चों ने किलकारी नहीं भरी धरती ने करवट बदली और टिक गई स्त्री की पीठ पर, अब 'छल' स्त्री और स्त्री के बीच 'प्रेम' बन ज़िंदा है.. ©️ Aparna Bajpai Picture credit Google

अपनी - अपनी हकीक़त (लघु कथा)

चित्र
उन्होंने अपने बच्चे को बुलाकर कहा, बेटा ज़रा इस बच्चे को रसोई से रोटी लाकर दो! बहुत भूखा है शायद.. बेटा उस बच्चे को देखता रहा और फ़िर उसे बुलाकर अपने घर के अंदर ले गया। बोला रोटी और सब्जी मैं निकाल रहा हूं, फ्रिज से पानी तुम निकाल लो।  बच्चे ने फ्रिज खोला और उसे पानी के साथ कुछ फल भी दिख गए। उसने पानी निकाला और फ्रिज बंद कर दिया। उनके बेटे ने उसके साथ - साथ अपने लिए भी खाना निकाला और साथ में बैठकर खाने लगा। तब तक वो अंदर आयीं , अपने बेटे को उस बच्चे के साथ खाते हुए देखकर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पंहुच गया। तुझे इसे रोटी देने के लिए कहा था या साथ में बैठकर खिलाने के लिए। ए लड़के रोटी उठा और नि कल घर के बाहर....कहां कहां से आ जाते हैं..  सारी सहानुभूति एक मिनट में गायब! उनका बेटा भी उसके साथ चल दिया... मानो दोनो दोस्त बहुत दिन बाद मिल रहे हों। Picture credit google

Mask, marriage, lock down

चित्र
कल जून 2020 के अंतिम दिन झारखंड में तीरंदाजी के दो धनुर्धरों ने शादी की । दीपिका कुमारी और अतनु दास। दोनो बचपन से साथ में तीरंदाजी सीख रहे थे, वक्त के साथ उनका प्रेम परवान चढ़ा और अंततः शादी के पवित्र बंधन ने दोनो को जीवन भर के लिए साथ कर दिया।  यह तो थी दीपिका कुमारी की शादी की बात लेकिन इस शादी में जो सबसे अहम बात थी वह थी मास्क पहनने की अनिवार्यता और इसके लिए विशेष सुरक्षा इंतजाम। Kovid- 19 के दौर में भारतीय परम्परागत विवाह का इंतजाम और महामारी से बचाव के लिए अपनाए गए पुख्ता तौर तरीके। हालांकि  इस शादी में सरकार के निर्देशों से अधिक मेहमानों की उपस्थिति और सामाजिक दूरी न कायम रखने के कारण नोटिस जारी किया गया है। क्या इस तरह लॉकडाउन से पहले किसी विवाह में स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इतनी तैयारी की गई होगी और कम से कम मेह मानों को बुलाने के बारे में सोचा गया होगा। शायद नहीं जबकि विवाह स्वास्थ्य से ज्यादा महत्वपूर्ण तो नहीं है। लोग स्वस्थ होंगे तभी विवाह जैसे आयोजन उत्सव में बदल पाएंगे। तो इस विषय पर हम क्यों नहीं सोचते। इस दौर में कुछ और शादियां हुई और उनमें भी सरकार की गाइडलाइन के अनुस