कबूतरों की कौम
एक कबूतरी ने दूसरी कबूतरी से कहा , "तुम्हारा कबूतर मेरे आसमान में आ जाता है, उसे रोक लो नहीं तो टांगे तोड़ दूंगी (पंख नोच दूंगी)". दूसरी ने कहा बताना कब टांगे तोड़ने का प्लान है, मैं भी आजाऊंगी। दूसरी आश्चर्य में पड़ गई, ऐसा क्यों! दूसरी ने कहा, "वह किसी और का है बस सबके आंगन में ताकाझांकी करता है".. कबूतर किसी और के आंगन में झांक रहा है . यह कबूतरों की कौम बड़ी..…है यार।