भारत कीबानू मुश्ताक को मिला 2025 का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार प्राप्त करने वाली कन्नड़ भाषा में लिखने वाली पहली महिला बनी बानू मुस्ताक . 2025 के अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की घोषणा 25मई को की गई। कई बड़े लेखकों को पीछे छोड़ते हुए बानू मुस्ताक को कन्नड़ भाषा में लिखी उनकी पुस्तक ' हार्ट लैंप' के लिए बुकर पुरस्कार प्रदान किया गया. भारत में दक्षिणी और उत्तरी भाषा विवाद को खारिज करते हुए बानो मुश्ताक ने कन्नड़ भाषा में लिखकर अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीत लिया है। जबकि भी अपने घर घर पर दक्षिणी उर्दू बोलते हैं परंतु उनका लेखन कन्नड़ भाषा में है अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्राप्त करते समय उन्होंने अपनी स्पीच अंग्रेजी में दी इस प्रकार भाषाओं के बीच बनाई गई खाइयो को पटाते हुए उन्होंने अच्छा उदाहरण पेश किया। उन्होंने अपनी स्पीच में कहा कि “अभी मैं इंग्लैंड में हूं तो यह अंग्रेजी में बात करूंगी वापस जाऊंगी तो कन्नड़ में बोलूंगी और दिल्ली आउंगी तो हिंदी में बात करूंगी, लखनऊ जाऊंगी तो हिंदी या उर्दू में बोलूंगी तो भाषाओं के बारे में दुश्मनी नहीं करनी चाहिए और हद से ज्यादा जुनून भी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भा...