नया कुछ रचना है को जनवरी 13, 2021 लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप पानी में रहना हैमगर से लड़ना हैकिस्सों की दुनिया मेंनया कुछ रचना है।होशियार से होशियारी कीलोहार से लोहे कीपेड़ों से लकड़ी कीशिकायत नहीं करते हैं।आंखों से पानी कोभरे घर से नानी कोबैलों से सानी कोअलग नहीं करते हैं।बातों में मिठास कोदावत में लिबास कोबीमारी में उपवास को दरकिनार नहीं करते हैं।।©️ अपर्णा बाजपेई टिप्पणियाँ Sweta sinha14 जनवरी 2021 को 8:13 am बजेजी नमस्ते,आपकी लिखी रचना शुक्रवार १५ जनवरी २०२१ के लिए साझा की गयी हैपांच लिंकों का आनंद पर...आप भी सादर आमंत्रित हैं।सादरधन्यवाद।जवाब देंहटाएंउत्तरअपर्णा वाजपेयी14 जनवरी 2021 को 12:54 pm बजेरचना को मंच पर स्थान देने इसे लिए सादर आभार स्वेता जीहटाएंउत्तरजवाब देंजवाब देंविश्वमोहन15 जनवरी 2021 को 8:51 am बजेबहुत सुंदर।जवाब देंहटाएंउत्तरअपर्णा वाजपेयी16 जनवरी 2021 को 3:31 pm बजेजी आभारसादरहटाएंउत्तरजवाब देंजवाब देंसुशील कुमार जोशी15 जनवरी 2021 को 10:04 am बजेसुन्दरजवाब देंहटाएंउत्तरअपर्णा वाजपेयी16 जनवरी 2021 को 3:31 pm बजेधन्यवाद sirहटाएंउत्तरजवाब देंजवाब देंआलोक सिन्हा15 जनवरी 2021 को 10:26 am बजेसुन्दरजवाब देंहटाएंउत्तरअपर्णा वाजपेयी16 जनवरी 2021 को 3:31 pm बजेधन्यवाद आलोक जी सादरहटाएंउत्तरजवाब देंजवाब देंAnuradha chauhan15 जनवरी 2021 को 11:35 am बजेबहुत सुंदर रचनाजवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंJyoti khare15 जनवरी 2021 को 3:56 pm बजेवाहबहुत सुंदरबधाईजवाब देंहटाएंउत्तरअपर्णा वाजपेयी16 जनवरी 2021 को 3:32 pm बजेबहुत शुक्रिया sirहटाएंउत्तरजवाब देंजवाब देंMarmagya - know the inner self15 जनवरी 2021 को 6:48 pm बजेवाह! क्या बात है। अनुप्रासम सुंदर रचना!--ब्रजेंद्रनाथजवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंअपर्णा वाजपेयी16 जनवरी 2021 को 3:33 pm बजेसादर आभार आदरणीयजवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंजितेन्द्र माथुर25 जनवरी 2021 को 1:31 pm बजेक्या बात है ! बहुत प्रभावी रचना है यह आपकी । सरल एवं बोधगम्य तथा साथ ही अविस्मरणीय भी । अभिनंदन ।जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंआलोक सिन्हा25 जनवरी 2021 को 2:47 pm बजेबहुत बहुत सुन्दर जवाब देंहटाएंउत्तरजवाब देंटिप्पणी जोड़ेंज़्यादा लोड करें... एक टिप्पणी भेजें
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार १५ जनवरी २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
रचना को मंच पर स्थान देने इसे लिए सादर आभार स्वेता जी
हटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंजी आभार
हटाएंसादर
सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद sir
हटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आलोक जी सादर
हटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
बधाई
बहुत शुक्रिया sir
हटाएंवाह! क्या बात है। अनुप्रासम सुंदर रचना!--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंसादर आभार आदरणीय
जवाब देंहटाएंक्या बात है ! बहुत प्रभावी रचना है यह आपकी । सरल एवं बोधगम्य तथा साथ ही अविस्मरणीय भी । अभिनंदन ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएं