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अंत हुआ तो ख़ाली दामन

धार्मिक तन्हाई का दंश

तेरी सुरमयी याद में गुलाबी हम

कल वाले लेमनचूस!

शून्य हैं हम

प्रणय रंग की बतियाँ

वे गायब हैं!

मुझे लिखा जाना बाकी है अभी!